रह भी सकता है कहीं नाम तेरा लिखा हुआ सारे – नादिर अरिज़ By Poetry Estimated read time 1 min read May 19, 2025 0 रह भी सकता है कहीं नाम तेरा लिखा हुआ सारे – नादिर अरिज़ rah bhi saka hai kahi naam tera likkha hua saare jungle ki to pardtaal nahin kar sakte रह भी सकता है कहीं नाम तेरा लिक्खा हुआ सारे जंगल की तो पड़ताल नहीं कर सकते – Nadir Ariz