फेंक कर रात को दीवार पर मारे होते मेरे हाथ – अज्ञात By Poetry Estimated read time 1 min read May 19, 2025 0 फेंक कर रात को दीवार पर मारे होते मेरे हाथ – अज्ञात fenk kar raat ko deewaar pe maare hote mere haathon mein agar chaand sitaare hote फेंक कर रात को दीवार पे मारे होते मेरे हाथों में अगर चाँद सितारे होते – Unknown