एक सोफ़ा है जिसे तेरी ज़रूरत है बहुत एक कुर्सी – अब्बास क़मर By Poetry Estimated read time 1 min read May 19, 2025 0 एक सोफ़ा है जिसे तेरी ज़रूरत है बहुत एक कुर्सी – अब्बास क़मर ek sofa hai jise teri zaroorat hai bahut ek kursi hai jo mayus raha karti hai एक सोफ़ा है जिसे तेरी ज़रूरत है बहुत एक कुर्सी है जो मायूस रहा करती है – Abbas Qamar