वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इसकी भी आदम – गुलज़ार By Poetry Estimated read time 1 min read May 19, 2025 0 वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इसकी भी आदम – गुलज़ार waqt rehta nahin kahi tik kar aadat is ki bhi aadmi si hai वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर आदत इस की भी आदमी सी है – Gulzar