निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से एक परिंदा अब इस प – उमैर नजमी By Poetry Estimated read time 1 min read May 19, 2025 0 निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से एक परिंदा अब इस प – उमैर नजमी nikaal laaya hoon ek pinjare se ik parinda ab is parinde ke dil se pinjra nikaalna hai निकाल लाया हूँ एक पिंजरे से इक परिंदा अब इस परिंदे के दिल से पिंजरा निकालना है – Umair Najmi