Top 20 चुनिंदा गुलज़ार की लिखी ग़ज़लों से  शेर

132 ViewsTop 20 चुनिंदा गुलज़ार की लिखी ग़ज़लों से शेर आप के बा’द हर घड़ी हम ने आप…

गर्म लाशें गिरीं फ़सीलों से

121 Viewsगर्म लाशें गिरीं फ़सीलों से आसमाँ भर गया है चीलों से सूली चढ़ने लगी है ख़ामोशी लोग…

पेड़ के पत्तों में हलचल है ख़बर-दार से हैं

114 Viewsपेड़ के पत्तों में हलचल है ख़बर-दार से हैं शाम से तेज़ हवा चलने के आसार से…

खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं

115 Viewsखुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं बस एक…

ज़िक्र आए तो मिरे लब से दुआएँ निकलें

84 Viewsज़िक्र आए तो मिरे लब से दुआएँ निकलें शम्अ’ जलती है तो लाज़िम है शुआएँ निकलें वक़्त…

मुझे अँधेरे में बे-शक बिठा दिया होता

98 Viewsमुझे अँधेरे में बे-शक बिठा दिया होता मगर चराग़ की सूरत जला दिया होता न रौशनी कोई…

ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर

102 Viewsओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर सैली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश…

तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की

94 Viewsतिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की…

हवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है

93 Viewsहवा के सींग न पकड़ो खदेड़ देती है ज़मीं से पेड़ों के टाँके उधेड़ देती है मैं…

हम तो कितनों को मह-जबीं कहते

91 Viewsहम तो कितनों को मह-जबीं कहते आप हैं इस लिए नहीं कहते चाँद होता न आसमाँ पे…