सब्र हर बार इख़्तियार किया

72 Viewsसब्र हर बार इख़्तियार किया हम से होता नहीं हज़ार किया आदतन तुम ने कर दिए वा’दे…

जब भी ये दिल उदास होता है

75 Viewsजब भी ये दिल उदास होता है जाने कौन आस-पास होता है आँखें पहचानती हैं आँखों को…

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद

86 Viewsबे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद जाने किस की गली से निकला…

दर्द हल्का है साँस भारी है

83 Viewsदर्द हल्का है साँस भारी है जिए जाने की रस्म जारी है आप के ब’अद हर घड़ी…

शाम से आँख में नमी सी है

110 ViewsShaam Se Aankh Me Nami Si Hai Ghazals By Gulzar शाम से आँख में नमी सी है…

दिखाई देते हैं धुँद में जैसे साए कोई

100 ViewsDikhai Dete Hain Dhund Me Jaise Saae Koi Ghazals By Gulzar दिखाई देते हैं धुँद में जैसे…