ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में रात गुज़रते शायद…

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा रात भर बातें करते हैं तारे रात काटे…

सब्र हर बार इख़्तियार किया

सब्र हर बार इख़्तियार किया हम से होता नहीं हज़ार किया आदतन तुम ने कर दिए वा'दे आदतन हम ने ए'तिबार किया हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर…

जब भी ये दिल उदास होता है

जब भी ये दिल उदास होता है जाने कौन आस-पास होता है आँखें पहचानती हैं आँखों को दर्द चेहरा-शनास होता है गो बरसती नहीं सदा आँखें अब्र तो बारह-मास होता…

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद जाने किस की गली से निकला है झेंपा झेंपा सा आ रहा है चाँद कितना ग़ाज़ा लगाया है मुँह…