ज़िक्र होता है जहाँ भी मिरे अफ़्साने का

27 Viewsज़िक्र होता है जहाँ भी मिरे अफ़्साने का एक दरवाज़ा सा खुलता है कुतुब-ख़ाने का एक सन्नाटा…

शाम से आज साँस भारी है

32 Viewsशाम से आज साँस भारी है बे-क़रारी सी बे-क़रारी है आप के बा’द हर घड़ी हम ने…

एक पर्वाज़ दिखाई दी है

26 Viewsएक पर्वाज़ दिखाई दी है तेरी आवाज़ सुनाई दी है सिर्फ़ इक सफ़्हा पलट कर उस ने…

बीते रिश्ते तलाश करती है

33 Viewsबीते रिश्ते तलाश करती है ख़ुशबू ग़ुंचे तलाश करती है जब गुज़रती है उस गली से सबा…

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई

30 Viewsदिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसाँ उतारता है कोई दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ…

वो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था

26 Viewsवो ख़त के पुर्ज़े उड़ा रहा था हवाओं का रुख़ दिखा रहा था बताऊँ कैसे वो बहता…

काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी

28 Viewsकाँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी तीनों थे हम वो भी…

फूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की

32 Viewsफूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की इक ताइर का दिल रखने की कोशिश की कल…

Self Respect in Love

32 ViewsToday, it has been 20 days since the breakup. Everything that was between us is now over.…

ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता

31 Viewsऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता मेरी तस्वीर भी गिरती तो छनाका होता यूँ भी…