ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में

10 Viewsख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में एक पुराना ख़त खोला अनजाने में शाम के साए बालिश्तों से…

ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा

10 Viewsज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा अपने साए से चौंक जाते हैं उम्र…

सब्र हर बार इख़्तियार किया

6 Viewsसब्र हर बार इख़्तियार किया हम से होता नहीं हज़ार किया आदतन तुम ने कर दिए वा’दे…

जब भी ये दिल उदास होता है

9 Viewsजब भी ये दिल उदास होता है जाने कौन आस-पास होता है आँखें पहचानती हैं आँखों को…

बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद

9 Viewsबे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद कोई साज़िश छुपा रहा है चाँद जाने किस की गली से निकला…

दर्द हल्का है साँस भारी है

10 Viewsदर्द हल्का है साँस भारी है जिए जाने की रस्म जारी है आप के ब’अद हर घड़ी…

Bahut Hua Ruhani Ishq, Ab ki To Milna Hi Tumse By Zakir Khan

26 ViewsBahut Hua Ruhani Ishq, Ab ki To Milna Hi Tumse. Ghazlein nahi likhni ab, Chuna jai tumko.…

शाम से आँख में नमी सी है

43 ViewsShaam Se Aankh Me Nami Si Hai Ghazals By Gulzar शाम से आँख में नमी सी है…

दिखाई देते हैं धुँद में जैसे साए कोई

37 ViewsDikhai Dete Hain Dhund Me Jaise Saae Koi Ghazals By Gulzar दिखाई देते हैं धुँद में जैसे…

कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार दिखे

116 ViewsKahin To Gard Ude Ya Kahin Gubaar Dikhe Ghazals By Gulzar कहीं तो गर्द उड़े या कहीं ग़ुबार…